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MULES (मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) डॉग

MULES (मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) डॉग

चर्चा में क्यों : 

  • भारतीय सेना ने हाल ही में लड़ाकू क्षेत्रों, विशेषकर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उपयोग के लिए 100 रोबोटिक मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट (MULES) को शामिल किया है।

MULES क्या हैं ?

  • रोबोटिक डॉग म्यूल, जिसे मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट कहते हैं, ये उन्नत रोबोटिक सिस्टम हैं जिन्हें विभिन्न ऑपरेशनल कार्यों में सैन्य बलों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इन रोबोटिक सिस्टम को निगरानी, टोही और युद्ध सहायता सहित विभिन्न तरह के कार्यों को पूरा करने और चुनौतीपूर्ण इलाकों में नेविगेट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

रोबोटिक MULES का विकास:

  • इसे मिलिट्री कॉलेज ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग (MCEME) द्वारा विकसित किया गया।

मुख्य विशेषताएं: 

  • यह एक एनालॉग मशीन है जिसके के चार पैर हैं।
  • म्यूल का वजन लगभग 51 किलो है। 
  • इसकी लंबाई 27 इंच है।
  • ये मात्र एक घंटे में चार्ज हो जाता है। इसके बाद लगातार दस घंटे तक काम करने की क्षमता है।
  • ये -40 से +55°C तक के चरम तापमान में काम कर सकता है ।
अन्य मुख्य विशेषताएं: 

निगरानी: वास्तविक समय का डेटा प्रदान करने के लिए थर्मल कैमरों और सेंसर से लैस।

लोड क्षमता: 15 किलोग्राम (26.5 पाउंड) तक का भार उठा सकता है।

रिमोट ऑपरेशन 
  •  MULES को लंबी दूरी से नियंत्रित करने के लिए LTE नेटवर्क का उपयोग किया जाता है। 
  •  Wi-Fi नेटवर्क केवल छोटी दूरी से नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त है ।
  •  LTE नेटवर्क 10 किलोमीटर तक की दूरी पर MULES को संचालित करने में सक्षम बनाता है।
लड़ाकू क्षमताएँ: 
  • दुश्मनों से निपटने के लिए छोटे हथियारों से लैस किया गया  है।
  • दुश्मन के ठिकानों पर गोलीबारी करने की तकनीक शामिल की गई है।
टेरेन नेविगेशन:
  • बर्फीले इलाकों और पहाड़ों सहित विभिन्न इलाकों को पार कर सकता है।
  • 45 डिग्री तक की ढलान और 18 सेमी तक की ऊंची सीढ़ियों पर चढ़ने में सक्षम।

भारतीय सेना में MULE डॉग को शामिल करना

  • भारतीय सेना ने अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए MULES जैसी रोबोटिक प्रणालियों को शामिल करने में रुचि दिखाई है, जैसे चुनौतीपूर्ण हिमालयी क्षेत्र के इलाकों में। 
  • इन प्रणालियों का उद्देश्य खतरनाक टोही और युद्ध कार्यों को करने के लिए मानव सैनिकों की आवश्यकता को कम करना है।

MULES के अनुप्रयोग

  •  टोही और निगरानी: MULES वास्तविक समय का डेटा प्रदान करते हैं, जिससे सैन्य कर्मियों को सैनिकों के जीवन को जोखिम में डाले बिना दुश्मन की गतिविधियों की निगरानी करने की अनुमति मिलती है।
  •  युद्ध समर्थन: हथियार ले जाने की अपनी क्षमता के साथ, MULES दुश्मनों से भिड़ सकते हैं, जिससे युद्ध में सीधे मानव की भागीदारी की आवश्यकता कम हो जाती है।
  •  लॉजिस्टिक समर्थन: वे चुनौतीपूर्ण इलाकों में उपकरण और आपूर्ति ले जा सकते हैं, जिससे सैन्य मिशनों के दौरान लॉजिस्टिकल ऑपरेशन में सहायता मिलती है।
  •  आपदा प्रबंधन: आपदाग्रस्त क्षेत्रों में खोज और बचाव कार्यों के लिए MULES का उपयोग किया जा सकता है, विशेष रूप से बीहड़ वातावरण में जहाँ पारंपरिक वाहन प्रभावी रूप से काम नहीं कर सकते।

भारतीय सेना के लिए महत्व

  • उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में MULES की तैनाती से सैनिकों द्वारा टोही या युद्ध के दौरान सामना किए जाने वाले खतरों को कम किया जा सकता है।
  • ये रोबोटिक सिस्टम हिमालय या रेगिस्तानी क्षेत्रों जैसे कठिन इलाकों में परिचालन दक्षता में सुधार करते हैं।
  • MULES का उपयोग भारत के अपने सैन्य अभियानों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों को एकीकृत करने की दिशा में कदम को दर्शाता है।
दुनिया भर में इसी तरह के विकास:

चीन: पहले से ही अपनी सेना में बंदूकधारी रोबोट डॉग को शामिल कर चुका है।

संयुक्त राज्य अमेरिका: सैन्य और कानून प्रवर्तन उद्देश्यों के लिए रोबोट डॉग का उपयोग किया है, जिससे निगरानी और युद्ध क्षमताओं में वृद्धि हुई है।

 

स्रोत – द हिंदू

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