INS तमाल |
चर्चा में क्यों :
- भारतीय नौसेना का दल हाल ही में सेंट पीटर्सबर्ग, रूस पहुंचा, जहां स्टील्थ फ्रिगेट तमाल के जलावतरण और संचालन की प्रक्रिया की तैयारी की जाएगी।
INS तमाल क्या है ?
- INS तमाल भारतीय नौसेना का एक उन्नत स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है, जिसे रडार डिटेक्शन को कम करने और समुद्री युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- यह क्रिवाक-III श्रेणी के फ्रिगेट का हिस्सा है, जिसे 2.5 बिलियन डॉलर के भारत-रूस रक्षा समझौते के तहत विकसित किया गया है, जहाँ दो फ्रिगेट रूस में और दो भारत (गोवा शिपयार्ड लिमिटेड – GSL) में बनाए गए हैं।
- यह चार तलवार श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट के निर्माण के लिए 2016 के भारत-रूस समझौते का हिस्सा है, जिनमें से दो रूस में और दो गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, भारत में बनाए जा रहे हैं।
- इनमें से पहला, INS तुशील, दिसंबर 2024 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
-
-
- लंबाई: 125 मीटर
- विस्थापन: 3,900 टन
- अधिकतम गति: 30 समुद्री मील (लगभग 55 किमी/घंटा)
- परिचालन सीमा: 3,000 किलोमीटर
-
मुख्य विशेषताएं
- दुश्मन के रडार डिटेक्शन से बचने के लिए डिज़ाइन किया गया, आधुनिक नौसैनिक युद्ध में उत्तरजीविता और प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
- यह हवा, सतह, पानी के नीचे और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में संलग्न होने में सक्षम है, जो इसे एक बहु-भूमिका वाला युद्धपोत बनाता है।
उन्नत हथियार प्रणाली
- यह युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, श्टिल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, पनडुब्बी रोधी टारपीडो लांचर और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों से लैस है।
- मुख्य बंदूक: 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट (SRGM)
- टॉरपीडो लांचर: 324 मिमी टॉरपीडो के लिए दो स्वदेशी ट्रिपल टॉरपीडो लांचर (ITTL), प्रभावी पनडुब्बी रोधी युद्ध को सक्षम करते हैं।
रणनीतिक महत्व
- INS तमाल भारत का आखिरी विदेशी निर्मित युद्धपोत होगा, जो आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में बदलाव को दर्शाता है।
- भारतीय नौसेना की परिचालन शक्ति को हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में मजबूत करता है, समुद्री सुरक्षा में सुधार करता है।
- भारत-रूस रक्षा संबंधों को मजबूत करता है, जो मजबूत रणनीतिक सहयोग को दर्शाता है।
- स्वदेशी युद्धपोत उत्पादन की सुविधा देता है, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में दो अतिरिक्त फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं।