अस्त्र MK-III (गांडिव) |
चर्चा में क्यों :
- महाभारत में अर्जुन के अजेय धनुष गांडीव की तरह, भारत ने अपनी नई हवा से मार करने वाली अस्त्र MK-III मिसाइल को “गांडीव” नाम देकर इसे शक्ति और सटीकता का प्रतीक बनाया है।
अस्त्र MK-III (गांडिव)
- यह एक बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) हवा -से-हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो लंबी दूरी के लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
- यह तेज़ गति से चलने वाले लड़ाकू विमानों को निशाना बनाने और हवाई युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए बनाई गई है।
- यह मिसाइल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई है और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए निर्मित की जा रही है।
उद्देश्य:
- दृश्य सीमा से परे उच्च गति वाले, फुर्तीले दुश्मन के विमानों को खत्म करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- सुखोई Su-30MKI और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस फाइटर जेट पर तैनात किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएँ
1. उन्नत प्रणोदन प्रणाली
- गांडीव एक सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) प्रणोदन प्रणाली द्वारा संचालित है, जो एक अत्याधुनिक तकनीक है जो वायुमंडलीय ऑक्सीजन को ऑक्सीडाइज़र के रूप में उपयोग करती है।
- यह ऑनबोर्ड ऑक्सीडाइज़र की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिसके परिणामस्वरूप एक हल्का और अधिक कुशल डिज़ाइन होता है।
2. रेंज और गति:
- मिसाइल 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर 340 किलोमीटर और 8 किलोमीटर की ऊंचाई पर 190 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेद सकती है।
- SFDR प्रणाली मिसाइल को लॉन्च स्थितियों के आधार पर 300-350 किलोमीटर की विस्तारित रेंज में मैक 4.5 तक की सुपरसोनिक गति बनाए रखने की अनुमति देती है।
- लॉन्च गति Mach 0.8 से Mach 2.2 तक होती है, और यह Mach 2.0 से Mach 3.6 की गति से उड़ने वाले लक्ष्यों को भेद सकती है।
3. लक्ष्य भेदन क्षमता (Target Engagement)
- गांडीव अत्यधिक कुशल फाइटर जेट्स, बॉम्बर्स, मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, रीफ्यूलिंग प्लेन्स और AWACS एयरक्राफ्ट को निशाना बना सकता है।
- इसमें ±10 किमी स्नैप-अप/स्नैप-डाउन क्षमता है, जिससे यह विभिन्न ऊंचाइयों पर लक्ष्य भेदने में सक्षम है।
- इसका 20° एंगल ऑफ अटैक इसे दुश्मन के उच्च गतिशीलता वाले विमानों को भी मार गिराने में प्रभावी बनाता है।
गांडीव मिसाइल का महत्व:
रक्षा क्षमता में वृद्धि :
- सबसे लंबी बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) क्षमताओं में से एक के साथ, गांडीव चीन के PL-15 और यू.एस. AIM-174 को पीछे छोड़ देता है, जिससे भारत की हवाई युद्ध शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
- उदाहरण: गांडीव से लैस एक लड़ाकू जेट लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों को घेर सकता है, जिससे नज़दीकी हवाई लड़ाई का जोखिम कम हो जाता है और उत्तरजीविता बढ़ जाती है।
आत्मनिर्भरता:
- गांडीव का विकास भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल के साथ संरेखित है, जिससे विदेशी हथियार प्रणालियों पर निर्भरता कम हो जाती है।
- उदाहरण: मेटियोर या AMRAAM जैसी आयातित हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर निर्भर रहने के बजाय, भारत अब बेहतर क्षमताओं वाली अपनी उन्नत मिसाइल प्रणाली को तैनात कर सकता है।
रक्षा निर्यात:
- वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड ₹21,083 करोड़ तक पहुँच गया, जिसका लक्ष्य 2029 तक ₹50,000 करोड़ तक पहुँचना है।
- उदाहरण: जिन देशों को किफायती लेकिन उन्नत BVR मिसाइल प्रणाली की आवश्यकता होगी, वे गांडीव मिसाइल खरीदने में रुचि दिखा सकते हैं, जिससे भारत का वैश्विक रक्षा बाजार में प्रभाव बढ़ेगा।