पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (PHTA) |
चर्चा में क्यों :
- इसरो ने हाल ही में पीएचटीए और सेमी-क्रायो इंजन के विकास के लिए पहला हार्डवेयर परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (PHTA)
- “PHTA एक एकीकृत परीक्षण प्रणाली (Integrated Test Setup) है, जिसका उपयोग सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के प्रदर्शन को सत्यापित करने के लिए किया जाता है, ताकि इंजन के अंतिम एकीकरण से पहले इसकी विश्वसनीयता और दक्षता सुनिश्चित की जा सके।”
पावर हेड टेस्ट आर्टिकल के मुख्य घटक और कार्य
- PHTA में थ्रस्ट चैंबर शामिल नहीं है, लेकिन यह निम्नलिखित महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के परीक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है:
- गैस जनरेटर – ईंधन दहन प्रक्रिया आरंभ करता है।
- टर्बो पंप – उच्च दबाव पर प्रणोदक इंजेक्ट करता है।
- प्री-बर्नर – इंजन को चालू करने के लिए प्रारंभिक दहन करता है।
- नियंत्रण घटक – इंजन के उचित संचालन और नियंत्रण को सुनिश्चित करता है।
मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
- यह सुनिश्चित करता है कि गैस जनरेटर और टर्बो पंप जैसे महत्वपूर्ण घटक ठीक से काम करते हैं।
- हॉट-फायरिंग परीक्षण को 4.5 सेकंड की संक्षिप्त अवधि के लिए चलाया जाता है, जिससे इसके थर्मल (Thermal) और दबाव (Pressure) व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
- संपूर्ण इंजन को एकीकृत करने से पहले, PHTA संभावित तकनीकी खामियों की पहचान और सुधार में मदद करता है।
- PHTA के माध्यम से विकसित सेमी-क्रायोजेनिक इंजन भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों को अधिक शक्ति और उच्च दक्षता प्रदान करेगा।
PHTA परीक्षण और इंजन विकास
- जुलाई 2023 में महेंद्रगिरि में किया गया परीक्षण तकनीकी खराबी के कारण रद्द करना पड़ा था।
- ISRO ने इस इंजन के 2,000 किलो-न्यूटन (kN) थ्रस्ट के साथ विकास कार्य जारी रखा है।
- 16 हॉट टेस्ट पूरे किए गए हैं, ताकि प्री-बर्नर इग्निशन की विशेषताओं को समझा जा सके।
क्रायोजेनिक और सेमी-क्रायोजेनिक इंजनों में विस्तृत अंतर
विशेषता |
सेमी-क्रायोजेनिक इंजन |
|
प्रणोदक |
इसमें लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) और लिक्विड हाइड्रोजन (LH₂) का उपयोग किया जाता है। ये दोनों अत्यधिक ठंडे और ज्वलनशील होते हैं। |
इसमें लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) और केरोसिन का मिश्रण होता है। केरोसिन एक स्थिर ईंधन है, जो आसानी से संग्रहीत किया जा सकता है। |
भंडारण तापमान |
लिक्विड हाइड्रोजन को -253°C पर संग्रहीत करना पड़ता है, जो इसे अत्यधिक जटिल और महंगा बनाता है। |
केरोसिन को सामान्य तापमान पर संग्रहीत किया जा सकता है, जिससे इसे संभालना और स्टोर करना आसान होता है। |
घनत्व आवेग |
लिक्विड हाइड्रोजन का घनत्व बहुत कम होता है, जिससे इसे अधिक मात्रा में स्टोर करने के लिए बड़े टैंकों की आवश्यकता होती है। |
केरोसिन का घनत्व अधिक होता है, जिससे इसे छोटे टैंकों में अधिक मात्रा में स्टोर किया जा सकता है, जिससे इंजन डिजाइन कॉम्पैक्ट बनता है। |
ऊर्जा दक्षता |
क्रायोजेनिक इंजन बेहतर ऊर्जा दक्षता प्रदान करते हैं और अधिक प्रभावी होते हैं, जिससे गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए उपयुक्त होते हैं। |
सेमी-क्रायोजेनिक इंजन क्रायोजेनिक इंजन जितने प्रभावी नहीं होते, लेकिन अल्पकालिक और भारी भार उठाने वाले अभियानों के लिए उपयुक्त होते हैं। |
प्रयोग और अनुप्रयोग |
क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग गहरे अंतरिक्ष अभियानों, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्चिंग और मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए किया जाता है। |
सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग भारी प्रक्षेपण यानों (Heavy Launch Vehicles) और लागत-प्रभावी उपग्रह प्रक्षेपणों के लिए किया जाता है। |
भारत में उपयोग |
ISRO ने अपने GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle) और मानवयुक्त मिशन ‘गगनयान’ में क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग किया है। |
ISRO सेमी-क्रायोजेनिक इंजन विकसित कर रहा है, जो भविष्य के भारी प्रक्षेपण यानों में प्रयुक्त होगा, जैसे NGLV (Next Generation Launch Vehicle)। |