ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) |
चर्चा में क्यों :-
- हाल ही में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने नई दिल्ली में ‘ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम’ (Green Tug Transition Program- GTTP) के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure- SOP) का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया।
ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) क्या है?
- ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जो भारत में समुद्री परिचालन को कार्बन मुक्त करने की दिशा में कार्य करेगा और शिपिंग क्षेत्र में पर्यावरणीय स्थिरता और तकनीकी उन्नति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- उद्देश्य पारंपरिक ईंधन-आधारित हार्बर टग को हरित, पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों से बदलना है।
- लॉन्च किया गया: श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री।
- SOP लॉन्च की तिथि: 16 अगस्त 2024।
- उद्देश्य: भारत में समुद्री परिचालन को डीकार्बोनाइज करने के लिए डीजल से चलने वाले टग से शून्य-उत्सर्जन, पर्यावरण के अनुकूल टग में संक्रमण।
मुख्य विशेषताएं:
- GTTP ‘पंच कर्म संकल्प’ का एक प्रमुख घटक है, जो भारत के समुद्री संचालन के डीकार्बोनाइजेशन पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इसका उद्देश्य भारतीय प्रमुख बंदरगाहों में ईंधन आधारित हार्बर टग को बैटरी-इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड, मेथनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ, वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले ग्रीन टग से बदलना है।
कार्यान्वयन के चरण:
चरण 1 अवधि: 1 अक्टूबर, 2024 – 31 दिसंबर, 2027।
शामिल बंदरगाह:
- जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण, दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण, पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण, वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह प्राधिकरण।
- प्रत्येक बंदरगाह कम से कम दो ग्रीन टग खरीदेगा या किराए पर लेगा।
नोडल एजेंसी: नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ग्रीन पोर्ट एंड शिपिंग (NCoEGPS) इस कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा।
मानकीकरण: सभी ग्रीन टग स्टैंडिंग स्पेसिफिकेशन कमेटी (SSC) द्वारा जारी किए गए मानकीकृत डिज़ाइन और विनिर्देशों का पालन करेंगे।
भारत का समुद्री विजन 2030 और 2047
मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 2030:
- 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया, यह विजन भारत के लिए समुद्री सुरक्षा, स्थिरता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी में वैश्विक नेता बनने की रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करता है।
लक्ष्यों में शामिल हैं:
- प्रमुख बंदरगाहों की 60% बिजली मांग को नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करना।
- 2030 तक प्रति टन कार्गो से कार्बन उत्सर्जन में 30% की कमी लाना।
समुद्री अमृत काल विजन 2047:
- 2023 में प्रस्तुत इस विजन का उद्देश्य 2030 तक बंदरगाह के जहाजों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 30% की कमी लाना और 2040 तक सभी टगों को हरित प्रौद्योगिकियों में परिवर्तित करना है।
ग्रीन टग:
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- मेक इन इंडिया पहल के तहत भारतीय शिपयार्ड में टग बनाए जाएंगे। जहाज निर्माण और डिजाइन क्षेत्रों में रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।