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आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन  

चर्चा में क्यों: बढ़ते जलवायु जोखिमों और आपदाओं के मद्देनजर लचीले बुनियादी ढांचे में निवेश महत्वपूर्ण है। भारत के प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने पूर्ण भाषण के दौरान इस बिंदु पर जोर दिया। उन्होंने दुनिया भर में हाल की प्राकृतिक आपदाओं पर प्रकाश डाला जो मानव पीड़ा और आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे की तत्काल आवश्यकता पर जोर देती है।

आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDRI) क्या है?

  • आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDRI) एक वार्षिक घटना है जो विश्वभर के नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, और बुनियादी ढांचे के पेशेवरों को एक साथ लाता है।
  • इस सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न स्टेकहोल्डर्स अपने अनुभवों को साझा करते हैं, नवीनतम अनुसंधानों को प्रस्तुत करते हैं और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए साझा प्रयासों को बढ़ावा देते हैं।
  • इसका उद्देश्य आपदाओं के समय बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए प्रयास करना और आपदा प्रबंधन में सुधार करना है।

CDRI के सदस्य देश कौन-कौन से हैं?

  • CDRI में विश्व के कई देश सदस्य के रूप में शामिल हैं।
  • इनमें भारत के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और छोटे द्वीपीय राज्यों जैसे कि मालदीव और फिजी भी शामिल हैं।
  • ये देश मिलकर बुनियादी ढांचे को आपदाओं के प्रति अधिक मजबूत बनाने की दिशा में काम करते हैं।

आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (ICDRI)

  • ICDRI एक अंतरराष्ट्रीय साझेदारी है जिसका उद्देश्य जलवायु और आपदा जोखिमों के लिए बुनियादी ढांचे प्रणालियों की लचीलापन को बढ़ावा देना है।
  • यह एक ऐसे मंच के रूप में कार्य करता है जहां ज्ञान साझा किया जाता है, और मौजूदा और नए बुनियादी ढांचे को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाने के लिए अभ्यास विकसित किए जाते हैं।
  • यह गठबंधन लचीले भविष्य की दिशा में काम करने के लिए देशों, निजी क्षेत्र के समूहों और शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाता है।

महत्वपूर्ण पहल और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग          

  • छोटे द्वीपीय राज्यों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की लचीलापन बढ़ाने की भारत की पहल CDRI के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन संवेदनशील क्षेत्रों को जलवायु-प्रेरित आपदाओं के विनाशकारी प्रभावों से बचाना है।

भविष्य के बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं:

  • भविष्य के बुनियादी ढांचे को तैयार करते समय उन जोखिमों को मध्य नजर रखना चाहिए जो अत्यधिक मौसम की घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता से उत्पन्न होते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन के अन्य प्रतिकूल प्रभाव भी इन जोखिमों में शामिल हैं।
  • यहां तक कि मौजूदा बुनियादी ढांचे को भी फिर से तैयार करने की आवश्यकता होगी ताकि वे अधिक लचीले बन सकें और आपदाओं के समय बेहतर प्रतिक्रिया दे सकें।

 

  • आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अनुमान के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बुनियादी ढांचे को अधिक लचीला बनाने में प्रत्येक एक डॉलर का निवेश आपदा के समय चार डॉलर से अधिक की हानि को बचा सकता है।
  • यह दर्शाता है कि प्रारंभिक निवेश द्वारा दीर्घकालिक लागतों में कमी और आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

क्या आप जानते हैं?       

ICDRI, 2024 का विषय:

  • आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDRI) का 2024 का विषय है “आज का निवेश, कल के लिए अधिक लचीला भविष्य।
  • ” यह विषय बताता है कि कैसे वर्तमान में किया गया निवेश हमें भविष्य में आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है और हमारे बुनियादी ढांचे को अधिक मजबूत और लचीला बना सकता है।

भारत द्वारा शुरू की गई पहल:

  • भारत ने छोटे द्वीपीय राज्यों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाओं के प्रति लचीला बनाने के लिए एक पहल शुरू की है।
  • यह पहल आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI) का एक हिस्सा है।
  • इस पहल का उद्देश्य इन द्वीपीय राज्यों को अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में सहायता करना है ताकि वे जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते आपदाओं का सामना कर सकें और इन आपदाओं के प्रभावों से खुद को बचा सकें।
  • इन जानकारियों से यह स्पष्ट होता है कि भविष्य में आपदाओं के प्रभावों को कम करने के लिए आज के निवेश कितने महत्वपूर्ण हैं और भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किस प्रकार अपनी पहलों के माध्यम से इस दिशा में काम कर रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) क्या है?            

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) एक गठबंधन है जिसे सौर ऊर्जा के उपयोग और विकास को बढ़ावा देने के लिए विश्व के सौर-संपन्न देशों ने मिलकर बनाया है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा के समर्थन से स्थायी विकास और वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देना है।

CDRI और ISA में समानताएं क्या हैं?   

  • CDRI और ISA दोनों ही अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन हैं जो स्थायी विकास के लिए काम करते हैं।
  • CDRI जहां बुनियादी ढांचे को आपदा प्रतिरोधी बनाने पर केंद्रित है, वहीं ISA सौर ऊर्जा के प्रसार और उपयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान देता है।
  • दोनों ही गठबंधन वैश्विक सहयोग पर आधारित हैं और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में मदद करते हैं।

ICDRI का आयोजन कहां होता है?   

  • आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हर साल विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाता है।
  • इसका उद्देश्य विभिन्न भागीदार देशों में बुनियादी ढांचे की लचीलापन पर ज्ञान और समाधान साझा करना है।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से आपदा जोखिम प्रतिरोध (DRR) कैसे समझाया जा सकता है?             

  • आपदा जोखिम प्रतिरोध (DRR) में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर देशों के बीच साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • इसमें नीतियां, तकनीकी समर्थन, वित्तीय संसाधन और ज्ञान का आदान-प्रदान शामिल है। यह सहयोग न केवल आपदाओं के प्रतिक्रिया समय को बेहतर बनाता है बल्कि दीर्घकालिक लचीलापन निर्माण में भी मदद करता है।

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