Email Us

nirmanias07@gmail.com

Call Us
+91 9540600909 +91 9717767797

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नवीकरणीय ऊर्जा भागीदारी

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नवीकरणीय ऊर्जा भागीदारी

 

चर्चा में क्यों:- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में स्वच्छ ऊर्जा सहयोग और व्यापक आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने हेतु कई महत्त्वपूर्ण समझौतों पर सहमति व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज़ के बीच ब्राज़ील में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई बैठक में इन समझौतों पर चर्चा की गई।  

UPSC पाठ्यक्रम: 

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ।

मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन II: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

 

भारत-ऑस्ट्रेलिया के हालिया समझौतों के प्रमुख बिंदु 

1. स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी  

दोनों देशों ने एक महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी (REP) की शुरुआत की है, जो निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग का ढाँचा प्रदान करेगी:    

  • सौर ऊर्जा उत्पादन और प्रौद्योगिकी में संयुक्त परियोजनाएँ।
  • स्वच्छ हाइड्रोजन उत्पादन में निवेश और अनुसंधान।
  • बैटरी तकनीक और ऊर्जा भंडारण समाधानों में सहयोग। 
  • नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों के लिये आवश्यक खनिजों के प्रसंस्करण और उपयोग में साझेदारी।
2. व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA)   

दोनों देशों ने 2024 के अंत तक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके मुख्य बिंदु हैं:

  • व्यापार विस्तार: द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य।
  • शुल्क उन्मूलन: विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर शुल्क हटाना।
  • पारस्परिक विकास: दोनों देशों में आर्थिक वृद्धि और विविधीकरण को प्रोत्साहित करना।

2022 में लागू हुए आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) के बाद, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार में 40% की वृद्धि हुई है। CECA इस आर्थिक संबंध को और मज़बूत करने का उद्देश्य रखता है।

3. रणनीतिक सहयोग   

दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर बल दिया है, जिसमें शामिल हैं:

  • समुद्री सुरक्षा: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्र और खुले समुद्री मार्ग सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त नौसैनिक अभ्यास।
  • रक्षा उद्योग: जहाज़ निर्माण और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग।
  • संयुक्त घोषणा का नवीनीकरण: 2025 में रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा को नवीनीकृत और मज़बूत करने की योजना। 

4. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग  

  • दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है। 
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करना है, जिसमें क्वाड जैसे मंचों के माध्यम से सहयोग शामिल है  

5. पारस्परिक लाभ और अवसर 

  • आर्थिक वृद्धि: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘फ्यूचर मेड इन ऑस्ट्रेलिया’ पहलों के माध्यम से नए रोज़गार सृजन, आर्थिक वृद्धि और वैश्विक परिवेश में समृद्धि सुनिश्चित करना।
  • स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य: भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों और ऑस्ट्रेलिया के खनिज संसाधनों के बीच सहयोग से वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों की प्राप्ति। 

6. साझेदारी का महत्त्व 

  • रणनीतिक संरेखण: द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाना, रक्षा, सुरक्षा और व्यापार में सहयोग को मज़बूत करना।
  • वैश्विक प्रभाव: स्वच्छ ऊर्जा और व्यापार में संयुक्त प्रयासों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे वैश्विक चुनौतियों का समाधान। 

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) का मुख्य उद्देश्य    

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मज़बूत करना और व्यापार एवं निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना है। इस समझौते के माध्यम से निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है:  

1. द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि     
  • CECA का उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक बाधाओं को कम करके वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाना है। 
  • इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
2. निवेश के अवसरों का विस्तार   
  • यह समझौता दोनों देशों में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करेगा, जिससे व्यवसायों को नए अवसर मिलेंगे और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

3. सेवा क्षेत्र में सहयोग 

  • CECA के तहत सेवा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, और अन्य सेवाओं में दोनों देशों के बीच साझेदारी मज़बूत होगी।
4. आर्थिक सुधार और विकास   
  • यह समझौता आर्थिक सुधारों को प्रोत्साहित करेगा और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा।  

2024 में CECA की प्रगति  

  • 2024 में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने CECA को अंतिम रूप देने के लिए वार्ताओं को तेज किया है। 
  • दोनों देशों के नेताओं ने इस समझौते को शीघ्रता से लागू करने की प्रतिबद्धता जताई है, ताकि आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया जा सके। 

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने हेतु भारत और ऑस्ट्रेलिया का सदस्यता वाला अंतर्राष्ट्रीय समूह: क्वाड (QUAD) 

भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ‘क्वाड’ (QUAD) के सदस्य हैं, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना है। क्वाड में चार देश शामिल हैं: भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका। 

क्वाड का उद्देश्य और गतिविधियाँ 

क्वाड का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्र, मुक्त और समृद्ध वातावरण सुनिश्चित करना है। इसके तहत सदस्य देश निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग करते हैं:

  • सुरक्षा और रक्षा सहयोग: समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयास और आपदा प्रबंधन में संयुक्त अभ्यास।
  • आर्थिक सहयोग: व्यापार, निवेश और बुनियादी ढाँचे के विकास में साझेदारी।
  • प्रौद्योगिकी और नवाचार: उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास और साझा उपयोग में सहयोग।  

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA): संभावित लाभ और चुनौतियाँ 

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रस्तावित व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस समझौते के संभावित लाभ और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:   

संभावित लाभ:   

  1. व्यापार में वृद्धि: CECA के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापारिक बाधाओं को कम किया जाएगा, जिससे वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान में वृद्धि होगी। उदाहरण के लिए, 2023-24 में ऑस्ट्रेलिया से भारत का आयात 15% घटकर 16.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया, जबकि भारत का निर्यात 14.23% बढ़कर 7.94 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। 
  2. निवेश के अवसर: दोनों देशों में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा, जिससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। विशेषकर, महत्त्वपूर्ण खनिज, कृषि-तकनीक, और नवाचार जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे। 
  3. रोज़गार सृजन: व्यापार और निवेश में वृद्धि से नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को लाभ होगा।
  4. सेवा क्षेत्र में सहयोग: शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, और पर्यटन जैसे सेवा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के सेवा उद्योगों को लाभ होगा।

चुनौतियाँ:

  1. घरेलू उद्योगों पर प्रभाव: व्यापारिक बाधाओं के कम होने से कुछ घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, जिससे वे प्रभावित हो सकते हैं।
  2. कृषि क्षेत्र की संवेदनशीलता: कृषि उत्पादों के आयात में वृद्धि से स्थानीय किसानों पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे उनकी आय पर प्रभाव पड़ सकता है।
  3. नियमों और मानकों का समन्वय: दोनों देशों के व्यापारिक नियमों और मानकों में अंतर होने के कारण समन्वय की आवश्यकता होगी, जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है।
  4. राजनीतिक और सामाजिक चिंताएँ:
     कुछ समूहों द्वारा समझौते के विरोध के कारण राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिन्हें संबोधित करना आवश्यक होगा।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा सहयोग का रणनीतिक महत्व 

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग का बढ़ता स्तर दोनों देशों के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सहयोग न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करता है, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता     
  • दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुली और समावेशी व्यवस्था के समर्थक हैं। 
  • समुद्री सुरक्षा में सहयोग से इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में सहायता मिलती है। 
  • 2024 में, दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा वार्ता के माध्यम से इस सहयोग को और मज़बूत किया है। 
सामरिक साझेदारी का विस्तार 
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2020 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की, जिसके तहत रक्षा और सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता दी गई।  
  • इस साझेदारी के अंतर्गत, दोनों देशों ने 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता प्रारंभ की, जिसमें विदेश और रक्षा मंत्रियों के स्तर पर वार्ता होती है।  
संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण 
  • दोनों देशों की नौसेनाएँ नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास, जैसे AUSINDEX और मालाबार, में भाग लेती हैं, जिससे उनकी अंतर-संचालन क्षमता बढ़ती है और आपसी विश्वास मज़बूत होता है। 
  • 2023 में, ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार मालाबार अभ्यास की मेजबानी की, जो इस सहयोग का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। 
समुद्री डोमेन जागरूकता (MDA)  
  • समुद्री डोमेन जागरूकता में सहयोग से दोनों देशों को समुद्री खतरों की पहचान और प्रतिक्रिया में सहायता मिलती है।
  • ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने भारतीय नौसेना के हिंद महासागर क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय संलयन केंद्र (IFC-IOR) में संपर्क अधिकारी भेजे हैं, जो क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा से संबंधित जानकारी साझा करने के लिए नोडल केंद्र है। 
क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों में सहयोग    
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया क्वाड, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS), आसियान क्षेत्रीय मंच (ARF) और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे मंचों में सक्रिय भागीदार हैं, जहाँ वे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं।

क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों के समाधान में अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों की भूमिका: 

अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियाँ, जैसे क्वाड (चतुर्भुज सुरक्षा संवाद), क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। क्वाड, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।  

1. क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान 
  • क्वाड सदस्य देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग से समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयास, और आपदा प्रबंधन में संयुक्त अभ्यास होते हैं, जो क्षेत्रीय स्थिरता को मज़बूत करते हैं। 
  • 2024 में, क्वाड ने इंडो-पैसिफिक समुद्री डोमेन जागरूकता कार्यक्रम को हिंद महासागर तक विस्तारित करने की योजना बनाई है, जिससे समुद्री सुरक्षा में सुधार होगा।  
2. आर्थिक सहयोग और विकास   
  • क्वाड देशों के बीच आर्थिक सहयोग से व्यापार, निवेश, और बुनियादी ढाँचे के विकास में साझेदारी होती है। 
  • 2024 में, क्वाड ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के विकास के लिए सिद्धांत स्थापित किए हैं, जो समावेशी और सुरक्षित डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेंगे। 
3. प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग 
  • क्वाड सदस्य उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास और साझा उपयोग में सहयोग करते हैं, जिससे साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में प्रगति होती है। 
  • 2024 में, क्वाड ने पलाऊ में ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओपन RAN) को लागू करने की योजना बनाई है, जो सुरक्षित दूरसंचार नेटवर्क के विकास में मदद करेगा। 

4. जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा   

  • क्वाड देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सहयोग किया है। 
  • 2024 में, क्वाड ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला के विकास का समर्थन करने के लिए क्वाड स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण कार्यक्रम (Q-CHAMP) की शुरुआत की है।  
5. मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया 
  • क्वाड सदस्य देशों ने आपदा प्रतिक्रिया समन्वय और मानवीय सहायता का समर्थन किया है। 
  • 2024 में, क्वाड ने पापुआ न्यू गिनी में राहत प्रयासों सहित आपदा प्रतिक्रिया समन्वय और मानवीय सहायता का समर्थन किया है।  

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

Tag Cloud

6 जुलाई का इतिहास 7 जून का इतिहास 9 जून का इतिहास Ayushman Bharat Digital Mission (ABDM) Benefits of Organic Farming CAG CAG के संदर्भ में संवैधानिक प्रावधान Challenges Facing the Health Sector CHINA MOON MISSION CITES Current status of organic farming in India Government Initiatives Related to Healthcare Government initiatives to promote organic farming Government Spending on Healthcare H5N2 H5N2 बर्ड फ्लू H5N2 बर्ड फ्लू का संक्रमण H5N2 बर्ड फ्लू क्या है? Health in the Indian Constitution Health infrastructure in India Healthcare Sector in India importance of organic farming INDIA MOON MISSION ISRO IUCN Living Planet Index - LPI Living Planet Report MOON MISSION NASA MISSION National Biodiversity Authority National Green Tribunal NGT organic farming organic farming in India State Biodiversity Boards (SBBs) Today History Traffic UNEP और भारत World Health Day World Health Day 2024 World Health Day 2024 theme World Wide Fund for Nature WWF अनुच्छेद 15 अनुच्छेद 16: समानता का अधिकार अनुच्छेद 21: जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार अभय मुद्रा अभय मुद्रा क्या है? आज का इतिहास ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) ओमिक्स के प्रकार चाइल्ड केयर लीव चुनाव आयोग चुनाव आयोग की शक्तियाँ और कार्य चुनाव आयोग की संरचना एवं कार्यकाल चुनाव आयोग से संबंधित अनुच्छेद जाति-विरोधी आंदोलन और बौद्ध धर्म का विनियोग जैविक खेती का उद्देश्य जैविक खेती के महत्व जैविक खेती के लाभ जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल ट्रैफिक का महत्व ट्रैफिक का मिशन धर्मचक्र मुद्रा धीरूभाई अंबानी नकद आरक्षित अनुपात (CRR) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बैंक दर बौद्ध धर्म और भारतीय समाज पर इसका प्रभाव बौद्ध धर्म में मुद्राएँ भारत और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग के क्षेत्र भारत के लिए यूरोप का महत्व भारत में जैविक खेती भारत में बौद्ध धर्म का उद्भव और प्रसार भारत में महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की गई पहल भारतीय रिज़र्व बैंक और उसके मौद्रिक नीति उपकरण भारतीय संविधान के तहत कार्यरत माताओं के संविधानिक अधिकार मनुष्यों में H5N2 के लक्षण मल्टी-ओमिक्स मल्टी-ओमिक्स के अनुप्रयोग मल्टी-ओमिक्स में चुनौतियां :- मिनामाता सम्मेलन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल मोटे अनाज मोटे अनाज का महत्व मोटे अनाज की खेती और खपत बढ़ाने में बाधाएँ मौद्रिक नीति मौद्रिक नीति के गुणात्मक उपकरण मौद्रिक नीति के मात्रात्मक उपकरण यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति यूरोपीय संघ यूरोपीय संघ का इतिहास यूरोपीय संघ के सदस्य देश यूरोपीय संघ में चुनाव यूरोपीय संसद यूरोपीय संसद की संरचना और चुनाव राज्य जैव विविधता बोर्ड्स (SBBs) राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) की संरचना राष्ट्रीय मोटा अनाज मिशन (NMM): राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) रिवर्स रेपो रेट रेपो दर लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम विश्व जुनोसिस डे वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) संज्ञान ऐप संज्ञान ऐप की मुख्य विशेषताएँ संज्ञान ऐप क्या है संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) संवैधानिक अधिकार सहकारिता दिवस स्टॉकहोम सम्मेलन
Newsletter

Nirman IAS is India's Premier institution established with the sole aim to initiate, enable and empower individuals to grow up to be extraordinary professionals.

© All Rights Reserved by Nirman IAS