MQ9B प्रीडेटर ड्रोन |
चर्चा में क्यों
हाल ही में अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स से 31 MQ9B हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALI) मानवरहित हवाई वाहनों (UAV) की खरीद को मंजूरी दी है।
MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन क्या है?
- MQ-9B हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) मानवरहित एरियल व्हीकल (UAV) एक लॉन्ग-एंड्योरेंस ड्रोन है जिसे निगरानी और लड़ाकू मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसका निर्माण जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स इंक (GA-ASI) द्वारा किया जाता है।
- MQ-9B के दो वेरिएंट स्काई-गार्जियन और उसका समकक्ष सी-गार्जियन हैं।
- भारतीय नौसेना वर्ष 2020 से MQ-9B सी-गार्जियन का संचालन कर रही है।
इस बिक्री का मुख्य उद्देश्य है:
- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना।
- भारतीय सशस्त्र बलों की खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को भारतीय नौसेना की समुद्री निगरानी के लिए बढ़ाना, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में।
- भारत को बेहतर राष्ट्रीय सुरक्षा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिरता के लिए उन्नत लड़ाकू UAV से लैस करना।
ड्रोन आवंटन:
भारतीय नौसेना के लिए 15 सी-गार्जियन।
भारतीय थल सेना और वायु सेना के लिए 16 स्काई-गार्जियन (प्रत्येक के लिए 8)।
क्षमताएँ:
ऊँचाई: 50,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर उड़ सकता है।
गति: अधिकतम 442 किलोमीटर प्रति घंटा की गति।
रेंज: 1,850 किलोमीटर की लंबी दूरी की क्षमता।
पेलोड: 2,177 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है।
हथियार: विभिन्न प्रकार के हथियारों से लैस, जिनमें शामिल हैं:
लेज़र-गाइडेड मिसाइलें ।
एंटी-टैंक मिसाइलें ।
एंटी-शिप मिसाइलें ।
MQ9B प्रीडेटर ड्रोन
MQ-9B ड्रोन उन्नत सुविधाओं से लैस है, जिसमें स्वचालित टेक-ऑफ और लैंडिंग, डिटेक्ट एंड एवॉइड सिस्टम, एंटी-स्पूफिंग GPS, और एन्क्रिप्टेड संचार लिंक शामिल हैं।
इसमें हेलफायर मिसाइल और अन्य उन्नत युद्ध सामग्री शामिल हैं।
उपयोग
- निगरानी ।
- खुफिया जानकारी जुटाना ।
- आक्रामक सैन्य अभियान ।
उल्लेखनीय ऑपरेशन:
2022 में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को खत्म करने के लिए अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किया गया।
रणनीतिक प्रभाव:
यह सौदा भारत की समुद्री और क्षेत्रीय निगरानी को बढ़ाएगा और P-8I समुद्री गश्ती विमान के साथ मिलकर काम करेगा।
इस सौदे के तहत जनरल एटॉमिक्स भारत में एक MRO (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सुविधा स्थापित करेगा।
MQ9B प्रीडेटर ड्रोन भारत के लिए किस प्रकार लाभकारी साबित होंगे :
- MQ-9B सशस्त्र ड्रोन के अधिग्रहण से भारत को अपने विरोधियों पर रणनीतिक बढ़त मिलेगी, क्योंकि इससे मानवयुक्त विमान या पायलट को जोखिम में डाले बिना लंबी दूरी की निगरानी और सटीक हमले करने में मदद मिलेगी।
- यह सौदा भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाएगा, जिससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत के लिए एक प्रमुख भागीदार के रूप में अमेरिका की भूमिका मजबूत होगी।
- यह अधिग्रहण क्वाड गठबंधन में भारत की भूमिका को भी मजबूत करेगा, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- यह सौदा मेक इन इंडिया पहल के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन के माध्यम से भारत के रक्षा उद्योग के लिए अवसर पैदा करेगा, जिससे घरेलू रक्षा विनिर्माण को समर्थन मिलेगा।