आधुनिकीकरण के दौर में भारतीय सेना
01 Aug, 2022
चर्चा में क्यों ?
आधुनिकीकरण के दौर में भारतीय सेना इस समय लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों, रात में लड़ाई में काम आने वाले उपकरणों, बहुआयामी ड्रोन और दुश्मन को जल्द खोजकर उस पर हमला करने वाले उपकरणों पर ध्यान दे रही है।
मुख्य बिंदु :-
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इस समय सेना के आधुनिकीकरण की कुल 93 परियोजनाएं चल रही हैं जिनकी प्रगति विभिन्न चरणों में है। इनके तहत कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये के हथियारों और उपकरणों की खरीद होनी है। इस धनराशि के 22 सौदों में से 19 में इसी वित्त वर्ष में खरीद होनी है। खरीद में उच्च गुणवत्ता के स्वदेशी उत्पाद को प्राथमिकता देने की नीति है।
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आधुनिकीकरण का मुख्य उद्देश्य सेना को कार्रवाई के दौरान होने वाली मुश्किलों से निजात दिलाकर आधुनिक हथियारों और उपकरणों से सज्जित करना है। इससे सेना पड़ोसी देशों खासतौर से चीन से मुकाबले के लिए और मजबूत हो सकेगी।
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आधुनिकीकरण की जारी परियोजनाओं में लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपों और टैंकों को शामिल किया जा रहा है। पिनाक राकेट सिस्टम की रेजीमेंट तैयार की जा रही है। लंबी दूरी की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
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सेना 200 के-9 वज्र तोपों की खरीद की योजना बना रही है। भारत और दक्षिण कोरिया की कंपनी के सहयोग से निर्मित इस तोप की 100 इकाइयां सेना में शामिल हो चुकी हैं और इनमें से ज्यादातर को लद्दाख में तैनात कर दिया है। इन तोपों की मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है। सेना ने शारंग तोपों की भी दो रेजीमेंट तैयार की हैं।
Source – IE